"पता है सनम आधी रात हो चुकी होती है, फिर भी जगता हूँ मैं। चाहता हूँ तेरी तरह मैं भी चै "पता है सनम आधी रात हो चुकी होती है, फिर भी जगता हूँ मैं। चाहता हूँ तेरी तरह ...
हम लाल लहू से जाने जाते हैं पर्वत गिरते हम पार लगाते हैं। हम जीने की कोई खबर नहीं र हम लाल लहू से जाने जाते हैं पर्वत गिरते हम पार लगाते हैं। हम जीने की क...
जाने क्यों.... जाने क्यों....
दुःख और सुख की यह आँखमिचौली एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली आ रही है जाने कितनी... दुःख और सुख की यह आँखमिचौली एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली ...
सफलता-असफलता से बेपरहवाह आगे बढ़ते चले जाने की कविता सफलता-असफलता से बेपरहवाह आगे बढ़ते चले जाने की कविता
ये पहली मुलाकात है हमारी, हम बिल्कुल ही अजनबी थे। निगाहें मिल रहीं थी हमारी पर, आ ये पहली मुलाकात है हमारी, हम बिल्कुल ही अजनबी थे। निगाहें मिल रहीं थी हम...